The Greatest Guide To shiv chalisa lyrics in marathi
The Greatest Guide To shiv chalisa lyrics in marathi
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कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान click here पूर्वक होम करावे॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।